पोंग झील में करीब पांच प्रजाति के छह हजार प्रवासी पक्षियों का आगमन

कांगड़ा जिले के महाराणा प्रताप पौंग झील में प्रवासी पक्षी आगमन शुरू हो गया है, करीब पांच प्रजातियों के लगभग 6000 विदेशी पक्षी झील में दस्तक दे चुके हैं, नवंबर तथा दिसंबर महीने में इन प्रवासी पक्षियों की तादाद में काफी वृद्धि हो जाती है,और जैसे जैसे सर्द मौसम की अधिक ठंड होती है तो इन प्रवासी पक्षि और भारी तादाद में अपना डेरा लगा लेते हैं, वन्य प्राणी सरक्षण विभाग नगरोटा सूरियाँ रेंज अधिकारी सरिता कोंडल के अनुसार अभी तक पांच चार, वारहेडेड गीज, नार्थ पिंटेल, कामन कूट, गेरी लेज गूज और कामन टिल प्रजाति के पक्षी पहुंचे हैं। उल्लेखनिय है की उधर झील का जलस्तर भी धीरे-धीरे उतरने लगा है, पक्षी प्रेमियों का मानना है कि प्रवासी पक्षियों की इस बार भारी संख्या में आने की संभावना है ,वन्य प्राणी विभाग द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए विभाग भी सजग शुरू हो जाता है, प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग कहे जाने वाली पोंग वेटलैंड सुबह और शाम यह प्रवासी पक्षी काफी तादाद में झील के किनारे विचरते पक्षी और रात्रि आस पास इलाकों में खुले आकाश में झुंडों में झील परिसर से उड़ान भरते, एक स्थान से दूसरे स्थान को इनकी मधुर आवाज से पक्षी प्रेमियों को खूब मंत्र मुग्ध करते हैं ,यहाँ प्रवासी पक्षियों के लिए पर्याप्त भोजन , बातावरण अनुकूल होने के कारण ही पक्षी हर साल अपना रुख यहाँ करते हैं साल 2025 में 97 प्रजातियों के 1,5 3,719 प्रवासी पक्षी हुई गणना दर्ज किए गए थे। अब देखना यह है कि इस वर्ष सर्द ऋतु में का क्या रुख रहता है और क्या प्रवासी पक्षियों की संख्या में और प्रजातियों में कितनी बढ़ोतरी होती है। इन प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए और पोंग झील की सुंदरता को निखारने के लिए देश तथा प्रदेश से भारी संख्या में लोग आते हैं, लेकिन पिछले अरसे से पर्यटन की दृष्टि से सरकार द्वारा विकसित करने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर अभी तक कोई खास प्रगति नहीं है यदि सचमुच सरकार पर्यटन की दृष्टि से और पर्यटकों को सुविधा दें । तो प्रदेश में ही नहीं पूरे विश्व में अपनी पहचान को बड़ा सकती है। सवाल अहम है कि आखिर बो दिन कब आएगा, क्या घोषणाए और वायदे ही होते रहेंगें या धरातल पर कुछ विकास की अलख जगेगी?हालांकि की पोंग झील के बीच दस हजार हेकटेयर क्षेत्र में फेली “रेंसर् की गड्डी ‘ उसकी अपनी पहचान है। जँहा प्रदेश और देश के कई गणमान्य आ कर इसकी सुंदरता को निहार कर तारीफ तक कर चुके हैं।