कांगड़ा

सोना गरीब आदमी की पहुंच से दूर

सोने,चांदी की कीमतों में निरंतर उछाल आने से आम आदमी की पहुंच से वह दूर होते जा रहे हैँ। वर्तमान समय सोने की कीमत एक तोला 1 लाख 30 हजार रुपये और चांदी 1,76,500 रुपये किलोग्राम है। चांदी दाम में शुक्रवार को अचानक 8,500 रुपये की बृद्धि इस बात का प्रमाण की दीपावली बेला पर लोगों में उसकी जमकर खरीददारी की जा रही है। मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए विवाह शादियों पर सोना खरीदना अब बहुत मुश्किल है। भारत में कभी सोने के अथाह भंडार हुआ करते थे। समुद्री लुटेरों ने उसे लुटकर अपने घर भर लिए थे। सोने के आभूषणों का इतिहास बहुत पुराना रहा है। सोने के आभूषणों का इस्तेमाल पूर्वी यूरोप में 4,000 ईसा पूर्व और इराक में 3,000 ईसा पूर्व से होता आ रहा है। सोने के आभूषणों के पहले संकेत 6,000 साल से भी पहले मैसो अमेरिका,मेसोपोटामिया,प्राचीन चीन, प्राचीन मिश्र,प्राचीन भारत और प्राचीन ग्रीस और रोम जैसी प्राचीन संस्कृतियों में उभरे थे।मेसोपोटामिया और मिश्र के लोग सजावट के लिए सोने का उपयोग करने बाली पहली सभ्यताओं में से थे। भारत में सोने का खनन बहुत प्राचीन समय से हो रहा है। सोने के आभूषण से भगवान की मूर्तियों को आकर्षित बनाया जाता है। अब तो कई बालीबुड अभिनेत्रियां भी अपनी शादी में रानी हार पहनना पसंद करती हैँ। हिंदू परम्पराओं में 16 संस्कारों के तहत पैदा होने से लेकर मरने तक में सोने के इस्तेमाल की अहमियत रही है। बच्चा जब जन्म लेता है तो उसे कमर पर सोने की लटकन पहनाई जाती है।यज्ञोपवीत संस्कार के वक्त शादी में मायके से बेटी के लिए और घर में पहला कदम रखने पर सास अपनी बहु को सोने के नए पुराने जेवर देती है।16 संस्कारों में अंतिम यानी मृत्यु के वाद महापात्र को दान भी स्वर्ण का ही किया जाता है। ठीक यही कारण की हर शुभ मुहूर्त शादी,त्यौहार और समारोह में अमेरिका और यूरोप में 9 कैरेट की गोल्ड़न की अंगूठी से ही काम चलाया जाता है।भारतीय 24 कैरेट सोने के दीवाने रहते हैँ। भारतीय महिलाएं 22 हजार टन सोना पहनती जो 5 देशों के कुल स्वर्ण भंडार से अधिक है।यह दुनिया का सबसे बड़ा सोने का खजाना माना जाता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल अनुसार भारतीय महिलाएं दुनियां के कुल गोल्ड रिजर्व का 11 प्रतिशत हिस्सा आभूषणों के रूप में पहनती हैँ।विश्व के 5 देशों के कुल सोने के भंडार से भी अधिक है। अमेरिका (8,000 टन)जर्मनी(3,300)इटली (2,450)फ़्रांस(2,400)और रूस(1,900 टन जैसे बड़े देश आते हैँ। दक्षिण भारतीयों का देश की कुल जवेलरी खरीददारी में 40 फीसदी हिस्सा और अकेले तमिलनाडू में यह औसत 28 फीसदी है। सोना खरीदने में चीन के वाद भारत दूसरे नंबर की श्रेणी में आता है। सोने की डिमांड पीछे भारतीयों का बड़ा हाथ है। भारत की बड़ी आवादी सोना किसी न किसी वहाने पहनती है। सोना पुराना हो या फिर नया बहुमूल्यता के मामले में यह लोगों की पहली पसंद सदियों से रहा है। सोना कितना ही खरा क्यों न हो वह 100 प्रतिशत शुद्ध नहीं हो सकता है। दरअसल सोना इतना साफ्ट मेटल है की बिना मिलावट के उसके गहने बन ही नहीं सकते हैँ। यही बजह की सोने की शुद्धता मापने की यूनिट कैरेट के हिसाब से तय होती है। 24 कैरेट का सोना भी 99.9 फीसदी ही शुद्ध माना जाता है। आम तौर पर गहने 22,18,14 कैरेट के बनवाए जाते हैँ। सोने की शुद्धता जांच किए जाना बहुत जरूरी बन चुका है। आजकल हम कैरेट बाले सोने के आभूषणों में डिजाइन की बजह से ज्यादा टाँके लगवाते हैँ।तैयार गहने के बजन में कैरेट के हिसाब से कीमत बसूली जाती है। आभूषणों के बढ़ते प्रचार प्रसार चलते ख़ासकर महिलाएं अधिक दीवानी बन जाती हैँ।महिलाएं अपने पुराने गहनें बेचकर उनकी जगह नये डिजाइन के गहने बनाने को लेकर अधिक रुचि लेती हैँ।दुकानदार नए बनाने बाले आभूषणों पर मनमर्जी का मेकिंग चार्ज बसूलकर पुराना सोना बहुत कम पैसों में खरीदकर जनता को दोनों हाथों से लुटते हैँ। जनता को जवेलरी खरीदते समय कुछ खास बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।जवेलरी में हालमार्क और बीआईएस मार्क जरूर जांच करें,कैरेट मीटर में जवेलरी की शुद्धता,जवेलरी का बजन लें और उसे जवेलरी पर लिखे हुए बजन से मिलान,स्टोन की जवेलरी खरीदते समय सोने और स्टोन के बजन को अलग अलग तोलें,बिल में सोनें और डायमंड का कैरेट और रेट अलग अलग लिखवाएं,हालमार्क का सर्टीफिकेट लें,ये चेक करें की जो गहना आप लें रही हैँ उसमें कैरेट बेल्यू कितनी है। यूनिक कोड और जवेलरी का नाम लिखा है या नहीं। जवेलरी का बिल यानी इनबाक्स जरूर लें, बिना बिल के जवेलरी लेना ग्राहक के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जवेलर के मेकिंग चार्ज पर ध्यान दें हर जेवलरी ब्रांड अपनी बेबसाइट पर इसकी जानकारी देता है।कई ज्वेलर इसी बेस्ट चार्ज या डीडकशन चार्ज के नाम से भी बिल में शामिल करते हैँ,इसलिए पैसे देने से पहले इस पर बात जरूर करें। ज्वेलर मेकिंग चार्ज के नाम पर एक्सट्रा गहना महंगा हो जाता है। सोना एक्सचेज किए जाने पर भी कुछ खास बातों पर फोकस करना जरूरी है। कैरेट मशीन में जवैलरी की शुद्धता और बजन,गहना गलाने से पहले ग्राहक से डिकलेरेशन फ़ार्म पर साइन कराना,गहने को गलाने के बाद उसकी शुद्धता और बजन की दोबारा जांच,ग्राहक की बैंक डिटेल जमा करना,गले हुए सोनें की रसीद ग्राहक को देना। केंद्र सरकार ने सोने की धोखेबाजी रोकने के लिए हालमार्किंग शुरु की थी।

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