कांगड़ा

टीबी पूरी तरह से इलाज योग्य रोग चिकित्सकीय परामर्श से हो सकते हैं स्वस्थ: उपायुक्त

जिला कांगड़ा में टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित

धर्मशाला : जिला कांगड़ा में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत आज उपायुक्त कांगड़ा की अध्यक्षता में बहु-क्षेत्रीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला के कॉन्फ्रेंस हाॅल में संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न विभागों, संस्थानों और सामाजिक संगठनों के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में सेंट्रल टीबी डिवीजन के टीबी अधिकारी डाॅ. भवानी सिंह कुशवाह तथा राष्ट्रीय सलाहकार ‘निक्षय मित्र पहल’ डी. धर्मा राव विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में टीबी उन्मूलन से संबंधित जिला स्तर पर किए जा रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई तथा आगामी माह की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई। उपायुक्त कांगड़ा ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान को जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें प्रत्येक विभाग, पंचायत, संस्थान, सामाजिक संगठन, युवा समूह और नागरिक की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य जनसहभागिता बढ़ाकर टीबी को जनचेतना का विषय बनाना है, ताकि लोगों में इस रोग के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता विकसित हो सके। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में टीबी उन्मूलन से जुड़ी गतिविधियों को और अधिक गति दें तथा जागरूकता बढ़ाएँ। उपायुक्त ने कहा कि ‘निक्षय मित्र पहल’ के अंतर्गत टीबी रोगियों को पौष्टिक आहार, मानसिक सहयोग, परामर्श तथा सामाजिक सशक्तिकरण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में श्री सत्य साईं सेवा समिति, संत निरंकारी मंडल, रेडक्रॉस सोसाइटी सहित कई सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं और शिक्षण संस्थानों की भूमिका इस अभियान में अत्यंत महत्वपूर्ण है। माई युवा भारत (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय) तथा जिला युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के माध्यम से युवाओं को टीबी उन्मूलन से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से भी अभियान का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिसे और व्यापक बनाने की आवश्यकता है।
उपायुक्त ने बताया कि जिला कांगड़ा में अब तक 200 से अधिक पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है, जो इस दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि टीबी एक पूरी तरह से इलाज योग्य रोग है, और संतुलित खानपान, नियमित दवा सेवन तथा चिकित्सकीय परामर्श से रोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है। उपायुक्त ने सभी को इस जनहित अभियान में सक्रिय सहयोग बनाए रखने का आहवान किया और कहा कि ‘टीबी मुक्त कांगड़ा’ ही ‘टीबी मुक्त भारतञ की दिशा में एक सशक्त कदम है। इस अवसर पर उपायुक्त ने टीबी चैंपियन अंतिमा गुलेरिया और संजीव कुमार सहित अभियान में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में खंड विकास कार्यालय लम्बागांव, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर काजल शर्मा, आईटीआई शाहपुर, राजकीय कॉलेज पालमपुर व शाहपुर तथा लाउरेट काॅलेज आॅफ फार्मेसी, कथोग शामिल रहे। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आरके सूद ने जिला कांगड़ा में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत चलाई जा रही गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी दी। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विवेक करोल, जिला कार्यक्रम अधिकारी (डब्ल्यूसीडी) अशोक कुमार शर्मा, उप निदेशक माई भारत ध्रुव डोगरा, चिकित्सा अधिकारी डाॅ. तेंजिन, जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी मनमोहन, सहायक प्रोफेसर डाॅ. अक्षय, डब्ल्यूएचओ से डाॅ. निकेत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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