उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि केंद्र ने प्रदेश को 1500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा

उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि केंद्र ने प्रदेश को 1500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है लेकिन राज्य सरकार को अभी तक एक पाई भी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की टीमों ने प्रदेश का दौरा कर नुकसान का मूल्यांकन किया है लेकिन राहत के तौर पर अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। धौलाधार होटल में प्रेस वार्ता में उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि इस मानसून सीजन के दौरान राज्य को 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान का आकलन किया गया है जिसमें सरकारी व गैर-सरकारी संपत्ति शामिल है। सड़क मार्गों, कृषि आर बागवानी भूमि को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 2023 में भी आपदा के लिए केंद्र से पर्याप्त राशि नहीं मिली जबकि प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 500 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को करोड़ों रुपये की आर्थिक मदद जारी की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 20 जून से 19 सिंतबर, 2025 तक 427 लोगों ने जान गंवाई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आपदा से क्षतिग्रस्त घरों के पुनः निर्माण के लिए देश में सबसे ज्यादा 7 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है जबकि केंद्र सिर्फ 1.30 लाख रुपये देता है। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि हमारी सरकार लोगों को पारदर्शी शासन प्रदान कर रही है। गत अढ़ाई वर्षों के कार्यकाल के दौरान हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए हिमाचल को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया है, शिक्षा की बेहतर सुविधाओं के साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर नौकरियों को बेचा जा रहा था। इसे रोकने के लिए वर्तमान सरकार ने हिमाचल प्रदेश सबोर्डिनेट सर्विसिज सलेक्शन बोर्ड को भंगकर राज्य सरकार ने राज्य चयन आयोग की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मैरिट आधारित चयन को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। पूर्व में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अंतिम चयन केवल साक्षात्कार के अंकों के आधार पर किया जाता था, जबकि लिखित परीक्षा के अंक केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने तक सीमित थे। इन्हें अन्तिम मैरिट में शामिल नहीं किया जाता था। प्रदेश सरकार ने अब अंतिम मैरिट में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार दोनों के अंक जोड़ने का निर्णय लिया है ताकि वास्तव में मेहनती परिक्षार्थियों को ही नौकरी मिले। राज्य सरकार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पिछले अढाई वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र में 23,191 युवाओं को नौकरियां दी गई हैं। प्रदेश में 5,452 शिक्षकों के पद भरे जा चुके हैं, जिनमें 1,788 जेबीटी, 759 व्यावसायिक शिक्षक, 650 पीजीटी, 599 टीजीटी (कला), 405 टीजीटी (नॉन-मेडिकल), 410 टीजीटी (मेडिकल), 205 शास्त्री, 175 भाषा अध्यापक और 458 ड्राइंग अध्यापक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आगामी समय में शिक्षा विभाग में 9,535 शिक्षकों के पद भरे जाएंगे। निजी क्षेत्र में 51,425 युवाओं को रोजगार मिला हैं और 1,300 से अधिक युवाओं को पुलिस बल में भर्ती किया जा रहा है। इसके अलावा पटवारी के 600 पद, जेबीटी के 600 पद, डॉक्टर के 200 पद और पंचायत सचिव के 300 पद भी भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) में 1,602 बिजली उपभोक्ता मित्रों और 1,000 टी-मेट की नियुक्ति को मंजूरी दी है। हाल ही के दशकों में यह पहली बार है कि किसी सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में युवाओं की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं के 2000 ई-थ्री-व्हीलर टैक्सी के परमिट जारी करने का निर्णय किया है।