खेतीबाड़ी में नवाचार अपनाने की नितांत आवश्यकता :- चंद्र कुमार
कांगडा क्षेत्र में बासमती चावल की अपार संभावना
धर्मशाला कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने आज कांगड़ा विधानसभा के मटौर में उत्सव पैलेस सभागार में कृषि विभाग जिला काँगड़ा मे निर्यात योग्य बासमती चावल की पैदावार को बढ़+kने हेतु आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता की । कृषि मंत्री ने इस अवसर पर किसानों को खेतीबाड़ी के पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर नवाचार अपनाने और कृषि ढांचे में बदलाव लाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि किसान कृषि विभाग के साथ संपर्क बनाए रखें, ताकि नई तकनीकों की जानकारी मिलती रहे और उत्पादन में बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि जिला में 32 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल उगाई जाती है जिसमें 15 प्रतिशत बासमती किस्म का धान जिला के ज्वाली, फतेहपुर, इंदौरा, व रैत में बासमती धान उगाया जा रहा है। जबकि कांगडा, नगरोटा बागवां व भवारना विकास खंड में भी बासमती चावल उगाया जाता है। इस किस्म को सुधारने की आवश्यकता है जिसके प्रत्याश किये जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से प्राकृतिक गेहूं, मक्की और कच्ची हल्दी पर क्रमशः 60, 40 और 90 रुपये प्रति किलो की न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर खरीद कर रही है। इसके अलावा, भैंस और गाय के दूध की खरीद भी क्रमशः 61 और 51 रुपये प्रति लीटर की दर से की जा रही है, ताकि ग्रामीणों को खेती और पशुपालन की ओर प्रेरित किया जा सके। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गांवों के सर्वांगीण विकास और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। पंचायत भवनों का निर्माण, लोकमित्र केंद्रों की स्थापना, किसानों व पशुपालकों को आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान कर सरकार हर स्तर पर गांवों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है उन्होंने कीट नाशको के अंधाधुंद प्रयोग को रोकने एवम जैविक् विधि से कीट प्रबंधन की जानकारी अपनाने पर बल देते हुए कहा कि कृषक भाई विवेक पूर्ण तरीके से हानिकारक कीटों का नियंत्रण जैविक विधी से करें ताकि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को कीटनाशकों से नुकसान न हो उन्होंने ईश क्षेत्र मे पैदा उगाये जाने बाले बासमती धान की गुणबता को बनाये रखने के लिए खरपत बार एवं कीट नाशकों का प्रयोग न करने की सलाह दी ताकी ईश धान की गुणवत्ता विदेशों में निर्यात केयोग्य बनी रहे। कार्यशाला का आयोजन कृषि विभाग जिला काँगड़ा द्वारा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा सोसाइटी एक्ट में स्थापित बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन (बी ई डी एफ) के सहयोग से आयोजित किया गया I यह संस्था बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और आपूर्ति श्रृखला को मजबूत करने के लिय काम करती है I
अवसर पर कृषि पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया I इस प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को धान की फसल में जैविक कीट प्रबंधन , प्राकृतिक खेती की विधि से धान के उत्पादन, धान की फसल के बीमा की जानकारी दी गई । किसानों से प्राकृतिक खेती विधि द्वारा उगाए गए हल्दी, मक्की ब गेहूं के लिए हिमाचल सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदने सम्बन्धी प्रार्थना पत्र भी प्राप्त किये I इस कार्यशाला में भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया । इस अवसर पर एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल ,ज्वाली से कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता संसार सिंह संसारी, कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष निशु मोंगरा, वी ई डी एफ संयुक्त निदेशक डॉ रितेश, कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा के वैज्ञानिक डॉ दीप ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया । कृषि विभाग से अतिरिक कृषि निदेशक डॉ राहुल कटोच, उप कृषि निदेशक डॉ कुलदीप धीमान, आत्मा परियोजना निदेशक डॉ राज कुमार, कृषि विभाग की जाईका परियोजना के जिला प्रबंधक डॉ योगेंदर कौशल, विषय वाद विशेषज्ञ, काँगड़ा रुपिका शर्मा के अतिरिक्त अन्य बरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।