कांगड़ा

शहीदों के आश्रितों की अनुग्रह अनुदान राशि में डेढ़ गुणा की है बढ़ोत्तरी: शांडिल

धर्मशाला में राज्य स्तरीय कारगिल दिवस में शहीदों को किया नमन

धर्मशाला स्वास्थ्य एवं सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार पूर्व सैनिकों, शहीदों के आश्रितों,की देखभाल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। धर्मशाला के युद्व स्मारक में कारगिल विजय दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि स्वास्थ्य एवं सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि  युद्ध ऑपरेशन के समय शहीद, अपंग हुए सैनिकों के आश्रितों को प्रदान की जा रही अनुग्रह अनुदान राशि की दरों में डेढ़ गुणा बढ़ौतरी की गई। शहीद सैनिकों के परिवारों को मिलने वाली 20 लाख की राशि को बढ़ाकर 30 लाख, अन्य कारणों से सैनिकों की मृत्यु पर राशि को 5 लाख से 7.50 लाख तथा युद्ध में अपंग सैनिकों की राशि को 2.50 लाख से 3.75 लाख व 1.00 लाख से 1.50 लाख किया गया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में हिमाचल के 52 वीरों ने अपने प्राण देश के लिये न्योछावर किये हैं, जिनमें से 15 वीर सैनिक कांगड़ा जिले से थे। स्वतन्त्रता प्राप्ति से आज तक हिमाचल के लगभग 1728 वीरों ने अपने प्राण देश के लिये न्योछावर किये हैं। उन्होंने कहा कि  प्रदेश में वर्तमान में 1,31,616 पूर्व सैनिक, 986 वीर नारियां एवम् 39,503 पूर्व सैनिकों की विधवाएँ हैं। इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश के 04 जाँबाज सैनिकों को परम वीर चक्र, 02 को अशोक चक्र, 10 को महावीर चक्र तथा 25 को कीर्ति चक्र जैसे शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त 1162 सैनिक विभिन्न पदकों द्वारा सम्मानित हैं। इनमें से जिला कांगड़ा के 02 परम वीर चक्र (मेजर सोमनाथ शर्मा व कैप्टन विक्रम बतरा), 01 अशोक चक्र, 04 महावीर चक्र, 12 कीर्ति चक्र, 18 वीर चक्र, 30 शौर्य चक्र व 374 सैनिक विभिन्न पदकों द्वारा सम्मानित हैं।

इस अवसर पर मुख्यातिथि ने कारगिल की वीरनारियों तथा शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया। इससे पहले स्मारक में शहीदों को माल्यार्पण कर अपनी भावांजलि व्यक्त की। इस अवसर पर पूर्व विधायक कर्नल विधि लगवाल, एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा, एपीएमसी के चेयरमैन नीशू मोंगरा, वूल फेडरेशन के चेयरमैन मनोज ठाकुर, पूर्व महापौर देविंद्र जग्गी, ब्रिगेडियर मदन लाल, कर्नल डढवाल, डीसी हेमराज बैरवा, एसपी अशोक रत्न तथा सैनिक कल्याण विभाग के उपनिदेशक उपस्थित थे।

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