14वीं वाहिनी एन०डी०आर०एफ० द्वारा समन्वित “मोबिलाइजेशन ड्रिल” का किया सफल आयोजन
14वीं वाहिनी एन०डी०आर०एफ० द्वारा मंगलवार को बलजिंदर सिंह, कमांडेंट के कुशल मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों- कांगड़ा, बिलासपुर, सोलन, मण्डी एवं शिमला में मोबिलाइजेशन ड्रिल का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। इस ड्रिल में 14वीं वाहिनी की हिमाचल में 18 रेस्क्यू टीमों ने शाहपुर के चंबी मैदान सहित अन्य जिलों में भाग लिया। शाहपुर के चंबी मैदान हुई यह ड्रिल वास्तविक आपदा की स्थिति में त्वरित, सटीक एवं बहु-एजेंसी समन्वित प्रतिक्रिया तंत्र की ऑपरेशनल रेडीनेस और रिस्पॉन्स एफिशिएंसी का परीक्षण करने हेतु आयोजित की गई। इस ड्रिल का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में संभावित प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ आदि – के दौरान त्वरित, समन्वित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था। अभ्यास में विभिन्न आपदा परिदृश्यों का यथार्थपरक अनुकरण किया गया, जैसे कि त्वरित तैनाती एवं प्रतिक्रिया समय का परीक्षण, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और आपात सेवाओं के साथ समन्वय, राहत एवं बचाव उपकरणों की कार्यक्षमता की जांच। एनडीआरएफ कमाडेंट बलजिंदर सिंह ने बताया कि
14 वीं एन०डी०आर०एफ० की 6 टीमों ने वाहिनी मुख्यालय नूरपुर, जिला कांगड़ा से (शाहपुर) रैत के चंबी मैदान में, रामपुर से 04 टीमों ने माहोली, तहसील कुमारसैन, जिला शिमला में, सलापड़ से 05 टीमों ने स्वाहन, तहसील स्वारघाट, जिला बिलासपुर में तथा नालागढ़ से 03 टीमों ने कोहु, तहसिल रामशहर, जिला-सोलन में मोबिलाइजेशन ड्रिल का अभ्यास किया।
बलजिन्दर सिंह, कमांडेंट ने कहा कि इस प्रकार के फील्ड वेलिडेटेड एक्सरसाइज आपदा प्रबंधन प्रणाली की मजबूती हेतु अत्यंत आवश्यक हैं। ये अभ्यास वास्तविक आपदा की स्थिति में जान माल की क्षति को न्यूनतम करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।”उन्होंने कहा किएन०डी०आर०एफ० भविष्य में भी इस प्रकार के समन्वित प्रयासों द्वारा आपदा-प्रतिक्रिया क्षमता को सुदृढ़ बनाने हेतु।