हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला एचआरटीसी 12 हफ्तों में दे बकाया पेंशन
अदालत ने कहा — बकाया भुगतान में अब और देरी बर्दाश्त नहीं होगी

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को आदेश दिया है कि वह अपने सभी पेंशनरों को संशोधित पेंशन के बकाया का भुगतान 12 हफ्तों के भीतर करे। अदालत ने स्पष्ट कहा कि अब इस भुगतान में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। यह आदेश न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत ने दिया। अदालत ने कहा कि एचआरटीसी याचिकाकर्ता पेंशनरों को 1 जुलाई 2023 से 30 सितंबर 2025 तक की संशोधित पेंशन का बकाया भुगतान करना होगा। अदालत ने साथ ही बताया कि निगम आवर्ती (Recurring) संशोधित पेंशन का भुगतान दो हफ्तों के भीतर, यानी नवंबर 2025 में करेगा। यह मामला बृज लाल लोहिया बनाम एचआरटीसी सहित अन्य याचिकाओं से जुड़ा था। इसी तरह का एक मामला न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत में भी चल रहा था, जहां भी अदालत ने उसी तरह का आदेश पारित किया। एचआरटीसी की ओर से पेश वकील ने अदालत में स्वीकार किया कि 2016 से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया जारी करने के संबंध में कोई ठोस निर्णय अब तक नहीं लिया गया था। हालांकि, उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि 12 हफ्तों के भीतर सभी पेंशनरों को उनका बकाया भुगतान कर दिया जाएगा। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि निगम के निदेशक मंडल ने 19 जून 2023 की बैठक में 1 जनवरी 2016 से पेंशन व पारिवारिक पेंशन को वेतन मैट्रिक्स के स्तर के 50 प्रतिशत पर संशोधित करने को मंजूरी दी थी। इसके बाद राज्य सरकार की 8 सितंबर 2022 की अधिसूचना के अनुरूप निगम ने 22 जुलाई 2023 को ज्ञापन जारी किया था। इस ज्ञापन में कहा गया था कि जुलाई 2023 से संशोधित पेंशन जारी की जाएगी, लेकिन अब तक पेंशनरों को न तो संशोधित राशि मिली और न ही जुलाई 2023 से बकाया भुगतान किया गया। हाईकोर्ट के इस आदेश से हजारों पेंशनरों को राहत मिली है, जो लंबे समय से अपनी संशोधित पेंशन की प्रतीक्षा कर रहे थे। कोर्ट का यह निर्णय सरकार और निगम दोनों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश है कि वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनभोगियों के अधिकारों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।