पेंशनरों का हल्ला बोल, सरकार के खिलाफ ‘DA चोर, गद्दी छोड़’ नारे
पेंशनरों ने शिमला DC ऑफिस के बाहर किया जोरदार प्रदर्शन

शिमला : हिमाचल प्रदेश में विभिन्न विभागों से रिटायर अधिकारी-कर्मचारी आज एकजुट होकर अपनी लंबित मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए। राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में हिमाचल संयुक्त पेंशनर संघर्ष समिति के बैनर तले पेंशनरों ने प्रदर्शन किया। राजधानी शिमला में डीसी ऑफिस के बाहर पेंशनरों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए ‘डीए चोर, गद्दी छोड़’ के नारे लगाए। पेंशनरों ने सरकार पर वित्तीय लाभों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें संशोधित कम्युटेशन, लीव इनकैशमेंट, ग्रेच्युटी, 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता और पिछले दो सालों से लंबित मेडिकल बिलों का भुगतान अभी तक नहीं मिला है। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र समाधान नहीं किया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश ठाकुर, महासचिव इंद्र पाल शर्मा, अतिरिक्त महासचिव भूप राम और मीडिया प्रमुख सैन राम नेगी ने कहा कि सरकार से कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन केवल आश्वासन मिले हैं, कार्रवाई नहीं। उनका कहना है कि सरकार को आर्थिक संकट का हवाला देकर रिटायर कर्मचारियों के अधिकारों को दबाने का कोई हक नहीं है। प्रदेश में लगभग 1.30 लाख पेंशनर हैं जो वर्षों की सेवा के बाद अब अपने वित्तीय लाभों के इंतजार में हैं। कई पेंशनरों ने कहा कि उन्हें मेडिकल बिलों के भुगतान के लिए महीनों तक विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। एचआरटीसी के पेंशनर पहले से ही पिछले दो दिनों से आंदोलन पर हैं और अब अन्य विभागों के रिटायर कर्मचारी भी आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। समिति के नेताओं का कहना है कि यदि सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा वहीं, हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 3 प्रतिशत डीए वृद्धि पर पेंशनरों ने निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2023 से 4 प्रतिशत डीए लागू किया था, जबकि राज्य सरकार ने सिर्फ 3 प्रतिशत घोषित किया है, जिससे पेंशनरों में असंतोष बढ़ गया है। पेंशनरों ने कहा कि वे अब आश्वासनों से नहीं, ठोस निर्णयों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक सभी लंबित लाभ नहीं दिए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।