पर्यावरण प्रेमियों ने स्थानीय वन विभाग की क़ामयाबी पर की सराहना
जिला कांगड़ा के तहत वन मंडल देहरा हो या नूरपुर के कुछ वन क्षेत्रों के तहत सरकारी वन सम्पदा तथाकथित वन काटुओ की निगाहों से सुरक्षित नहीं है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि हालांकि महकमा की कड़ी निगरानी और चौकसी के चलते चोरी छिपे लकड़ी काटकर निकासी करने बाले पकड़ में भी आने लगे हैं, पर जिस तरह से पिछले कुछ अरसे से ये कथित अवैध रूप से लकड़ी चोरी छिपे निकासी का धंधा बड़ा है। लेकिन कहीं ना कहीं चिंता का अति गम्भीर विषय भी है ? पर्यावरण प्रेमियों का ये भी कहना है कि नूरपुर वन मंडल हो या देहरा के अधीन कुछ इलाकों में विभाग की सतर्कता से ही, मामले पहले भी पकड़ में अलग अलग तरह से आ चुके हैं। वहीं वन रेंज नगरोटा सूरियाँ के रेंज अधिकारी सहित फील्ड कर्मीयों की निगरानी के चलते धार के पास गत देर रात्रि, नाके दौरान दो गाड़ी में ले जा रहे,खैर प्रजाति के चालीस मोशे कब्जे में लेकर विभागीय सतर्कता सराहनीय है, जोकि निकासी होने से पहले पकड़ ली, जोकि बड़ी विभाग की सफलता मानी जाएगी, खैर प्रजाति की पकड़ी गई लकड़ी जिसकी कीमत लगभग साडे तीन लाख बताई जा रही है। उन्होंने सम्ब्धित आला अधिकारियों से निबेदन किया है कि इसी तरह आगे भी निगरानी रखी जाए और शिकन्जा कसा जाए। जिससे इस कार्यो में जुटे लकड़ी तस्करों पर पर लगाम लग सके और वन सम्पदा सुरक्षित रहे।