कर्मचारियों को झूठे सपने दिखाकर उनका शोषण कर रही है : सरकार
1 राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने 16 अप्रैल 2025 को हिमाचल सरकार को अपनी मांगों को लेकर पत्र भेजा था और सरकार ने वार्ता के स्थान पर आंदोलन को दबाने का प्रयास किया। शिक्षकों की छुट्टी रद्द करने की अनुमति न देने जैसे प्रयास किये परंतु उसके बावजूद हजारों की संख्या में प्राथमिक शिक्षकों ने अपना रोष चौड़ा मैदान में व्यक्त किया।
2 आंदोलन के बाद सरकार को वार्ता करनी चाहिए थी परंतु उसने प्रतिशोधात्मक कार्यवाही करते हुए राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष जगदीश शर्मा महासचिव संजय पीसी मुख्य संरक्षक राम सिंह राव वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप ठाकुर जिला शिमला के अध्यक्ष प्रमोद चौहान जिला कांगड़ा के अध्यक्ष अनिल भाटिया पूर्व राज्य अध्यक्ष हेमराज ठाकुर और जिला उन्ना की एक ऐसी महिला अध्यापक सुनीता देवी को निलंबित कर दिया जिसके पति अस्पताल में उपचाराधीन है। एक महिला अध्यापक के साथ ऐसा व्यवहार मातृ शक्ति के प्रति सरकार की दुर्भावना को दर्शाता है। इन निलंबित नेताओं में से अधिकतर शिक्षक नेता पुरानी पेंशन स्कीम आंदोलन में कांग्रेस के पक्ष में खुला काम कर चुके हैं और सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
3 26 अप्रैल 2025 को राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के चौड़ा मैदान शिमला में आयोजित धरना प्रदर्शन में हजारों शिक्षकों ने शांतिपूर्ण ढंग से कानून व्यवस्था को बनाए रखते हुए बिना सड़क व यातायात बाधित किये अपना रोशन किया जो प्रजातंत्र और भारतीय संविधान में सबका मौलिक अधिकार है। इस दौरान किसी को कोई समस्या या जनता को कोई सुविधा नहीं हुई 1 मिनट के लिए भी सड़क बाधित नहीं हुई परंतु सरकार ने आंदोलन को बलपूर्वक दबाने के लिए पुलिस को जबरदस्ती 900 से अधिक निर्दोष प्राथमिक शिक्षकों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
4 आंदोलन में भाग लेने वाले प्राथमिक शिक्षकों की छुट्टी रद्द करवा दी गई और उनका एक दिन का वेतन काटने का तुगलकी फरमान जारी किया जो सरकार के अहंकार और तानाशाही व्यवहार को दर्शाता है।
5 हद तो यह हो गई कि आंदोलन में भाग लेने वाले प्राथमिक शिक्षकों को जबरदस्ती रिटायर करने के जारी कर दिए।
यह कैसी कर्मचारी हितैषी सरकार है कर्मचारियों को झूठे सपने दिखाकर सता में आई और अब उन्हीं का शोषण किया जा रहा है।